जरूरत की खबर: सर्दियों का सुपरफूड मूंगफली—न्यूट्रिशन का खजाना, वेटलॉस डाइट का साथी और कई बीमारियों से सुरक्षा

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सर्दियों में चाय के साथ मुट्ठी भर मूंगफली खाना सिर्फ आदत नहीं, सेहत का समझदार चुनाव भी है। ठंड के मौसम में शरीर को गर्माहट और स्थिर ऊर्जा की जरूरत होती है, और मूंगफली यह काम बखूबी करती है। हालिया शोधों ने भी इसके फायदों पर मुहर लगाई है—चाहे दिमाग की सेहत हो, दिल की सुरक्षा हो या इम्यूनिटी का सपोर्ट। नीदरलैंड्स के Maastricht University Medical Center के शोधकर्ताओं की एक स्टडी में पाया गया कि नियमित रूप से मूंगफली खाने से दिमाग की ब्लड वेसेल्स बेहतर काम करती हैं और याददाश्त में सुधार आ सकता है। 60 से 75 वर्ष के स्वस्थ प्रतिभागियों पर 16 हफ्तों तक किए गए ट्रायल में न सिर्फ मेमोरी से जुड़े संकेत बेहतर दिखे, बल्कि सिस्टोलिक और पल्स ब्लड प्रेशर में भी औसतन गिरावट दर्ज हुई—जो हार्ट हेल्थ के लिए सकारात्मक संकेत है।

दिमाग के लिए मूंगफली इसलिए खास मानी जाती है क्योंकि इसमें रेस्वेराट्रॉल जैसे बायोएक्टिव कंपाउंड होते हैं, जो ब्रेन तक ब्लड फ्लो सुधारने में मदद करते हैं। इससे स्ट्रोक का जोखिम घट सकता है और शॉर्ट-टर्म मेमोरी, वर्बल फ्लुएंसी व इंफॉर्मेशन प्रोसेसिंग जैसी क्षमताएं सपोर्ट होती हैं। इसके साथ मौजूद पॉलीफेनॉल्स न सिर्फ सर्कुलेशन बेहतर करते हैं, बल्कि मूड को स्थिर रखने में भी मददगार माने जाते हैं, जिससे डिप्रेशन का जोखिम कम हो सकता है।

न्यूट्रिशन की बात करें तो मूंगफली प्रोटीन का बेहतरीन प्लांट-बेस्ड स्रोत है—करीब 25 से 30 प्रतिशत तक। इसमें हेल्दी फैट्स (मोनो और पॉलीअनसेचुरेटेड), पर्याप्त फाइबर, और बी-विटामिन्स जैसे नियासिन, फोलेट व थायमिन मिलते हैं। मैग्नीशियम, मैंगनीज, फॉस्फोरस और कॉपर जैसे मिनरल्स शरीर की कई जरूरी प्रक्रियाओं में भूमिका निभाते हैं। यही कारण है कि सर्दियों में यह ऊर्जा देती है, इम्यूनिटी को सपोर्ट करती है, स्किन और हड्डियों की सेहत में मदद करती है और पाचन को दुरुस्त रखती है।

नियमित और सीमित मात्रा में मूंगफली का सेवन दिल की सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने में सहायक हो सकती है और एंटीऑक्सिडेंट्स के जरिए फ्री-रेडिकल्स से होने वाले नुकसान को घटाती है। वेटलॉस डाइट में भी मूंगफली जगह बना सकती है, क्योंकि प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी फैट्स मिलकर लंबे समय तक पेट भरा होने का एहसास देते हैं, जिससे ओवरईटिंग कम होती है। ब्लड शुगर के लिहाज से भी यह लो-ग्लाइसेमिक विकल्प है—कार्बोहाइड्रेट कम होने के कारण शुगर में अचानक उछाल नहीं आता और लंबे समय में इंसुलिन सेंसिटिविटी को सपोर्ट मिल सकता है।

बीमारियों के जोखिम की बात करें तो मूंगफली टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को कम करने में सहायक मानी गई है, इंफ्लेमेशन घटाने में मदद करती है और एंटीऑक्सिडेंट्स के कारण कुछ कैंसरों के जोखिम को भी कम कर सकती है। रेस्वेराट्रॉल, विटामिन-E और नियासिन जैसे तत्व दिमागी कोशिकाओं की सुरक्षा कर अल्जाइमर के जोखिम को घटाने में सहायक हो सकते हैं। इसके अलावा नियमित सेवन से गॉलब्लैडर स्टोन की आशंका भी कम देखी गई है।

हालांकि, फायदे बहुत हैं, लेकिन हर किसी के लिए मूंगफली सुरक्षित नहीं होती। जिन्हें पीनट एलर्जी है, वे इससे पूरी तरह परहेज करें। कुछ लोगों में ज्यादा मात्रा से ब्लोटिंग, गैस या पेट में ऐंठन हो सकती है। कैलोरी घनी होने के कारण जरूरत से ज्यादा सेवन वजन बढ़ा सकता है। इसलिए मात्रा का संतुलन जरूरी है।

कच्ची मूंगफली को डाइट में शामिल करना आसान है। रात में भिगोकर सुबह गुड़ के साथ खाना एक पौष्टिक नाश्ता बन सकता है। स्मूदी में थोड़ी-सी मिलाने से प्रोटीन और स्वाद दोनों बढ़ते हैं। सलाद पर छिड़कने से क्रंच के साथ पोषण मिलता है। चाहें तो बिना चीनी और प्रिज़र्वेटिव वाला होममेड पीनट बटर बनाएं—यह लंबे समय तक भूख नहीं लगने देता और वेट कंट्रोल में मदद करता है। कुल मिलाकर, सही मात्रा और सही तरीके से ली गई मूंगफली सर्दियों में सेहत का भरोसेमंद साथी बन सकती है।

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