Gardening Tips: कम जगह में उगाएं 5 फलदार पौधे, घर की बगिया से पाएं ताजे और रसीले फल

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आज के समय में शुद्ध और ताजा भोजन की चाह ने होम गार्डनिंग को फिर से लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बना दिया है। छत, बालकनी या छोटे से आंगन में फलदार पौधे लगाना न सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह मानसिक सुकून भी देता है। सही पौधों का चयन और थोड़ी-सी नियमित देखभाल के साथ सीमित जगह में भी अच्छी और लगातार पैदावार मिल सकती है।

घर के लिए नींबू का पौधा सबसे भरोसेमंद विकल्प माना जाता है। यह गमले या जमीन, दोनों में आसानी से उग जाता है और सालभर फल देता है। इसे खुली धूप पसंद होती है, इसलिए रोजाना पांच से छह घंटे की धूप और हल्का-सा पानी पर्याप्त रहता है। समय-समय पर जैविक खाद देने से पौधा स्वस्थ रहता है और फलन बढ़ता है।

अमरूद का पौधा भी होम गार्डन के लिए बेहद उपयुक्त है। यह तेजी से बढ़ता है और ज्यादा नखरे नहीं करता। बड़े गमले या खुले स्थान में इसे लगाया जा सकता है। अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी, हल्की सिंचाई और नियमित छंटाई से इसमें मीठे और भरपूर फल आते हैं।

पपीता उन लोगों के लिए बढ़िया है जो जल्दी फल देखना चाहते हैं। धूप वाली जगह और पानी का सही संतुलन इसे पसंद आता है। मिट्टी में पानी जमा न होने दें और हल्की खाद देते रहें, तो आठ से दस महीनों में फल मिलना शुरू हो जाता है। कम जगह में भी यह पौधा अच्छा उत्पादन देता है।

अनार का पौधा कम पानी में भी अच्छी पैदावार देने के लिए जाना जाता है। इसे हल्की, जल निकासी वाली मिट्टी और पर्याप्त धूप चाहिए। फूल आने के समय जैविक खाद देने से फल ज्यादा रसीले और आकार में बेहतर बनते हैं। यह पौधा गमले में भी सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है।

अगर आपके पास बालकनी या टैरेस है, तो स्ट्रॉबेरी एक आकर्षक और स्वादिष्ट विकल्प है। इसे गमले या हैंगिंग पॉट में उगाया जा सकता है। हल्की धूप, ठंडी जलवायु और नियमित नमी में यह पौधा अच्छी पैदावार देता है और घर की बगिया की खूबसूरती भी बढ़ाता है।

फलदार पौधों की अच्छी देखभाल के लिए सबसे जरूरी है सही मिट्टी का चुनाव। मिट्टी हल्की हो और पानी आसानी से निकल जाए। हर बीस से पच्चीस दिन में वर्मी कंपोस्ट या जैविक खाद डालने से पौधों को जरूरी पोषण मिलता है। जरूरत से ज्यादा पानी देने से बचें और मौसम के अनुसार सिंचाई करें। समय-समय पर छंटाई करने से नई शाखाएं निकलती हैं और फलन बढ़ता है। कीटों से बचाव के लिए नीम तेल या घरेलू जैविक घोल का इस्तेमाल किया जा सकता है। थोड़ी-सी समझदारी और नियमित देखभाल से आपकी छोटी-सी बगिया भी ताजे और भरपूर फलों से भर सकती है।

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