फरीदाबाद स्थित Al Falah University एक बार फिर गंभीर आरोपों के चलते सुर्खियों में है। प्रवर्तन निदेशालय यानी Enforcement Directorate की जांच में यूनिवर्सिटी के चेयरमैन Jawad Ahmed Siddiqui से जुड़े ऐसे लेन-देन सामने आने का दावा किया गया है, जिनमें शिक्षा और चैरिटी के नाम पर करोड़ों रुपये के कथित दुरुपयोग, पारिवारिक कंपनियों को लाभ पहुंचाने और विदेशी कनेक्शन की बात कही जा रही है।
जांच से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूनिवर्सिटी से जुड़े बड़े निर्माण और कैटरिंग ठेके कथित तौर पर सिद्दीकी परिवार से जुड़ी कंपनियों को दिए गए। धौज इलाके में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज और अस्पताल भवन का काम करकुन कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर्स को सौंपा गया, जिसमें चेयरमैन के बेटे अफहम अहमद और बेटी अफिया सिद्दीकी की 49-49 प्रतिशत हिस्सेदारी बताई गई है। शेष दो प्रतिशत हिस्सेदारी किसी अन्य व्यक्ति के पास दर्ज दिखाई गई।
इसी तरह हॉस्टल कैटरिंग का ठेका अमला एंटरप्राइजेज एलएलपी को दिए जाने का उल्लेख है, जिसमें पत्नी उस्मा अख्तर और बेटे की समान भागीदारी बताई जाती है। इससे पहले, वर्ष 2016 तक चेयरमैन के भाई की कंपनी स्टार फूड्स भी यूनिवर्सिटी को खाद्य सामग्री सप्लाई करती रही। जांच एजेंसी का दावा है कि इन कंपनियों का वास्तविक नियंत्रण सिद्दीकी के हाथ में रहा, जबकि इनके कई वित्तीय लेन-देन ट्रस्ट या संबंधित संस्थाओं के इनकम टैक्स रिटर्न और अन्य दस्तावेजों में स्पष्ट रूप से दर्ज नहीं मिले।
ईडी की फाइल में यह भी दर्ज है कि तर्बिया एजुकेशन फाउंडेशन के माध्यम से दिल्ली के मदनपुर खादर गांव में जमीन खरीदी गई, जिसके लिए यूनिवर्सिटी फंड के कथित दुरुपयोग का संदेह जताया गया है। जांच में फर्जी लेन-देन और धोखाधड़ी से जुड़े पहलुओं की भी पड़ताल की जा रही है।
मामले में एक और संवेदनशील पहलू चेयरमैन के बच्चों पर दोहरी नागरिकता का आरोप है। बताया जा रहा है कि इसी वर्ष मई में ब्रिटेन की एनोबल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग लिमिटेड कंपनी के शेयर अफहम और अफिया के नाम दर्ज थे, जिन्हें बाद में बदला गया। कंपनी के कागजातों में दोनों को ब्रिटिश नागरिक बताया गया, जबकि जांच के दौरान उनके पास भारतीय पासपोर्ट पाए जाने का दावा किया गया है।
इसके अलावा, यूनिवर्सिटी के मेडिकल कोर्सों से जुड़े मामलों में नेशनल मेडिकल कमीशन की जांच के दौरान भी कथित अनियमितताएं सामने आने की बात कही गई है। उल्लेखनीय है कि 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किला क्षेत्र के पास हुए धमाके के बाद से अल-फलाह यूनिवर्सिटी विभिन्न एजेंसियों की जांच के दायरे में बताई जा रही है। इसी कड़ी में ईडी ने 18 नवंबर को चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी की गिरफ्तारी की थी।
फिलहाल, इन तमाम आरोपों और जांच से जुड़े दावों पर न तो सिद्दीकी और न ही अल-फलाह यूनिवर्सिटी की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने आई है। एजेंसियों की जांच जारी है और आने वाले दिनों में इस मामले में और खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।