Tax Rules Deadline: 31 दिसंबर से पहले निपटा लें टैक्स के ये 3 जरूरी काम, वरना बढ़ सकती हैं मुश्किलें

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साल 2025 अब अपने आखिरी पड़ाव पर है और इसी के साथ टैक्सपेयर्स और कारोबारियों के लिए 31 दिसंबर की तारीख बेहद निर्णायक बन गई है। इस दिन टैक्स से जुड़े तीन ऐसे अहम कामों की डेडलाइन खत्म हो रही है, जिनकी अनदेखी आगे चलकर भारी पड़ सकती है। इनकम टैक्स रिटर्न से लेकर बैंकिंग, निवेश और जीएसटी तक—हर जगह असर पड़ने का खतरा है। इसलिए समय रहते इन जरूरी कामों को निपटा लेना ही समझदारी है।

सबसे अहम काम है आधार और पैन को लिंक कराना। जिन लोगों को 1 अक्टूबर 2024 या उससे पहले आधार कार्ड जारी हो चुका है, उनके लिए 31 दिसंबर 2025 तक पैन को आधार से लिंक कराना अनिवार्य है। अगर तय तारीख तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हुई, तो पैन कार्ड इनऑपरेटिव हो जाएगा। इनऑपरेटिव पैन का मतलब है कि आप न तो नया बैंक अकाउंट खोल पाएंगे, न डेबिट या क्रेडिट कार्ड जारी होगा। म्यूचुअल फंड में निवेश, तय सीमा से ज्यादा कैश जमा, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना और रिफंड पाना—सब कुछ अटक सकता है। टीडीएस-टीसीएस का क्रेडिट, फॉर्म 15G/15H जमा करना और कई सरकारी सेवाएं भी तब तक रुक सकती हैं, जब तक पैन दोबारा एक्टिव नहीं होता। यह पूरा मामला सीधे तौर पर Income Tax Department से जुड़ा है, इसलिए इसे हल्के में लेना जोखिम भरा हो सकता है।

दूसरा बड़ा काम है संशोधित या विलंबित इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना। असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए 31 दिसंबर आखिरी मौका है। अगर आपने समय पर ITR फाइल नहीं किया था या रिटर्न में कोई गलती रह गई है, तो अब सुधार का यही अंतिम अवसर है। इस तारीख के बाद आम तौर पर रिटर्न में बदलाव की अनुमति नहीं मिलती, जब तक कि टैक्स विभाग से विशेष मंजूरी न ली जाए। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रिटर्न फाइल करने वालों के लिए यह डेडलाइन बेहद अहम है, क्योंकि इसके बाद जुर्माना, ब्याज और कानूनी नोटिस जैसी परेशानियां खड़ी हो सकती हैं।

तीसरी अहम डेडलाइन कारोबारियों और जीएसटी में रजिस्टर्ड इकाइयों से जुड़ी है। 31 दिसंबर तक सालाना जीएसटी रिटर्न फाइल करना जरूरी है। इसमें पूरे साल की बिक्री, इनपुट टैक्स क्रेडिट, चुकाया गया टैक्स और रिफंड का पूरा ब्योरा देना होता है। अगर यह रिटर्न देर से या गलत भरा गया, तो लेट फीस के साथ-साथ Goods and Services Tax विभाग की ओर से नोटिस या जांच का सामना करना पड़ सकता है। साल खत्म होने से पहले जीएसटी से जुड़े कागजात दुरुस्त करना इसलिए बेहद जरूरी हो जाता है।

कुल मिलाकर, 31 दिसंबर सिर्फ कैलेंडर की तारीख नहीं, बल्कि टैक्स से जुड़ी बड़ी जिम्मेदारियों की अंतिम चेतावनी है। आधार-पैन लिंकिंग, ITR सुधार और सालाना जीएसटी रिटर्न—इन तीनों कामों को समय रहते निपटाकर न सिर्फ जुर्माने और कानूनी झंझट से बचा जा सकता है, बल्कि नए साल में वित्तीय कामकाज भी बिना रुकावट आगे बढ़ाया जा सकता है।

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