दो साल में नक्सल कमर टूटी, बस्तर में निर्णायक बढ़त का दावा: 298 माओवादी ढेर, बीजापुर बना सबसे बड़ा केंद्र

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दक्षिण बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ चलाए गए निर्णायक अभियानों को लेकर बस्तर आईजी ने बड़ा दावा किया है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 1 दिसंबर 2023 से 31 अक्टूबर 2025 के बीच दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिलों में सुरक्षा बलों ने कुल 298 नक्सलियों को मुठभेड़ों में मार गिराया। इन पर कुल 12 करोड़ 21 लाख रुपये का इनाम घोषित था। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि यह आंकड़ा केवल संख्या नहीं, बल्कि नक्सली ढांचे के टूटने का संकेत है।

इस अभियान का सबसे बड़ा असर बीजापुर जिले में देखने को मिला, जहां अकेले 196 नक्सली मारे गए। इन पर 6 करोड़ 96 लाख रुपये का इनाम था। गंगालूर और नेशनल पार्क क्षेत्र में चलाए गए विशेष ऑपरेशनों को सुरक्षा बलों की अब तक की सबसे बड़ी सफलता बताया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार इन इलाकों को लंबे समय से नक्सलियों का मजबूत गढ़ माना जाता था।

सुकमा जिले में भी सुरक्षा बलों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 46 नक्सलियों को ढेर किया, जिनमें PLGA बटालियन के सक्रिय कैडर शामिल थे। इन सभी पर कुल 1 करोड़ 80 लाख रुपये का इनाम घोषित था। वहीं दंतेवाड़ा में 56 इनामी नक्सलियों के मारे जाने के बाद सुरक्षा एजेंसियां मान रही हैं कि जिले का नक्सली ढांचा लगभग पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है।

बस्तर रेंज के आईजी सुंदर राज पी के अनुसार, संयुक्त सुरक्षा अभियानों ने नक्सलियों की शीर्ष और मध्य स्तर की कमान को पूरी तरह तोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि बीते दो वर्षों में रणनीति में बदलाव, जमीनी खुफिया तंत्र की मजबूती और स्थानीय सहयोग ने अभियान को निर्णायक मोड़ तक पहुंचाया। इसका असर यह हुआ कि नक्सलियों के ठिकाने ही नहीं, बल्कि उनके स्लीपर नेटवर्क भी तेजी से कमजोर पड़ने लगे हैं।

सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि यह सफलता केवल हथियारबंद कार्रवाई तक सीमित नहीं है, बल्कि क्षेत्र में भरोसे और नियंत्रण की वापसी का संकेत भी है। बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ यह दौर अब निर्णायक चरण में प्रवेश कर चुका है।

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