छत्तीसगढ़ सरकार ने पूर्व मंत्री मो. अकबर के भाई मो. असगर की फर्म रायपुर कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड पर शिकंजा कसा है। 240 करोड़ का टेंडर निरस्त कराने की प्रक्रिया के बाद अब कांग्रेस सरकार में फर्म को मिले कामों की गोपनीय जांच करवा रही है।
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कुछ दिन पहले कुछ टेंडर निरस्त किए जाने को लेकर जानकारी मीडिया को दी थी। हालांकि अभी तक फर्म या संचालक मो. असगर की ओर से कोई बयान नहीं आया है। दूसरी ओर सरकार ने बाकी कार्यों की रिपोर्ट भी अफसरों से मांगी है।
सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्री ओपी चौधरी को शिकायत मिली थी कि, मो. असगर की फर्म को नया रायपुर और रायपुर में 1000 करोड़ के काम नियमों के खिलाफ दिए गए। इनमें कई काम तय समय पर नहीं हुए, फिर भी किस्तों में बिल पास हुए। इसके बाद कार्रवाई की गई है।
नया रायपुर में 240 करोड़ की लागत से 10 प्रोजेक्ट पर काम चल रहा था। इसमें 9 प्रोजेक्ट रायपुर कंस्ट्रक्शन और एक प्रोजेक्ट कल्याण कंस्ट्रक्शन के पास था। रायपुर कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिले कुछ प्रोजेक्ट जून तक पूरे होने थे, लेकिन उनमें 20 प्रतिशत ही काम हुआ।
इसके अलावा नया रायपुर के सेक्टर 12, 15 और 16 में सड़क निर्माण करना था, लेकिन पूरा नहीं हुआ। इसे लेकर NRDA ने आधा दर्जन से ज्यादा नोटिस कंपनी को दिए थे, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया। अफसरों का कहना है कि इसी के चलते कार्रवाई की गई।
रायपुर कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को नया रायपुर में 45 करोड़ की लागत से 36 किमी का साइकिल ट्रैक बनाना था। इसके अलावा सड़क, पार्किंग, क्लब हाउस, मंत्रालय का सौंदर्यीकरण, तालाब का निर्माण समेत कुछ और कामों को भी पूरा करना था।
वर्तमान में साइकिल ट्रैक 10 प्रतिशत, क्लब हाउस 5 और पार्किंग निर्माण सिर्फ 20 प्रतिशत ही हुआ है। मंत्रालय का सौंदर्यीकरण और तालाब निर्माण अब तक शुरू ही नहीं हुए, जबकि जून 2024 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा होना था। निर्माण की गति को देखते हुए एक्शन लिया गया।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, रायपुर कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को अब तक 120 करोड़ रुपए का भुगतान हो चुका है। इसके अलावा कई और बिल कंस्ट्रक्शन कंपनी ने विभाग में लगाए है। सरकार ने काम रोकने के साथ ही बिल भुगतान ना करने का निर्देश भी दिया है।
स्मार्ट सिटी का 850 करोड़ की लागत से 54 प्रोजेक्ट छत्तीसगढ़ में चल रहे हैं। इसमें 360 करोड़ रुपए तो खर्च कर दिए गए, लेकिन अब तक सिर्फ 9 ही पूरे हो पाए हैं। केंद्र सरकार की ओर से जारी निर्देश की माने तो इन सभी प्रोजेक्ट को जून 2024 तक पूरा करना है।
स्मार्ट सिटी के अधिकारी ने टेंडर निरस्त कर दिया है। नया रायपुर विकास प्राधिकरण के आला अधिकारियों की माने तो इन सब प्रक्रियाओं में करीब 1 महीने का समय लग सकता है। अब सवाल ये उठ रहा है कि जून 2024 तक इन प्रोजेक्ट को कैसे पूरा किया जाएगा।
नया रायपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि, नवा रायपुर में 240 करोड़ की लागत से 10 बड़े प्रोजेक्ट का ठेका स्मार्ट सिटी ने दिया था। एजेंसी काम नहीं कर रही थी। जून तक काम पूरा करना है। इसलिए सभी ठेके को रद्द कर दिया गया है।
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा था कि जिस कंपनी का टेंडर रद्द किया जा रहा है, वो कंपनी पूर्व मंत्री के भाई की है। कांग्रेस सरकार में रायपुर कंस्ट्रक्शन कंपनी को लगातार एक्सटेंशन दिया जा रहा था। फर्म के खिलाफ गुणवत्ता-हीन काम की शिकायत मिली थी।
उन्होंने कहा कि, पूर्व मंत्री के भाई की कंपनी है, इसलिए एक्शन लिया गया ऐसा नहीं है। जो भी ठेकेदार शासकीय कामों में लापरवाही बरतेगा और लेट-तीफी करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि NRDA के अफसर अब इसमें बोलने से बच रहे हैं।