छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सदस्य रहीं सांसद वीणा वर्मा का मंगलवार की सुबह नई दिल्ली के मैक्स अस्पताल में निधन हो गया। उनका बिलासपुर से विशेष लगाव था। उनके पति साहित्यकार और राजनेता रहे श्रीकांत वर्मा ने बिलासपुर के विकास की नींव रखी।
जिसे गति देते हुए आगे बढ़ाने का काम वीणा वर्मा ने किया। उनके इस अविस्मरणीय योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता।
शहर के तिलक नगर में रहने वाले श्रीकांत वर्मा का विवाह 1967 में वीणा वर्मा से हुआ था। 1 सितंबर 1941 को जन्मी वीणा वर्मा भी राज्यसभा सदस्य रहीं हैं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने पति श्रीकांत वर्मा के सपनों को पूरा करने का काम किया।
पिता के नाम पर बनाया कॉलोनी
कांग्रेस नेता राजू सिंह ने बताया कि साहित्यकार श्रीकांत वर्मा ने साहित्य के क्षेत्र में बिलासपुर को नया नाम दिया। उन्होंने बीडीए का गठन किया। वर्मा चाहते थे कि बिलासपुर का चहुमुखी विकास हो। यही वजह है कि उन्होंने त्रिवेणी सभा भवन, व्यापार विहार के साथ ही अपने पिता राजकिशोर वर्मा के नाम पर मोपका-लिंगियाडीह में राजकिशोर नगर बसाया।
पति के सपनों को किया साकार
महापौर रामशरण यादव ने बताया कि जिस तरह से श्रीकांत वर्मा ने शहर विकास को नई दिशा दी। उसी तरह सांसद वीणा वर्मा ने भी अपने पति के सपनों को साकार करने में अहम भूमिका निभाई। भारतीय नगर, अज्ञेय नगर के साथ ही यदुनंदन नगर और शहर के सामाजिक भवनों के आवंटन और उसके निर्माण में बखूबी भूमिका निभाई। तिलक नगर स्कूल, राजेंद्र नगर स्कूल भवन को बनाने के लिए भी उन्होंने अपने सांसद निधि से पैसे दिए थे।
बिलासपुर को अपना परिवार मानती थी वर्मा
कांग्रेस नेता आशीष सिंह ने उनकी योगदान को याद करते हुए कहा कि वर्मा परिवार का बिलासपुर से गहरा लगाव रहा है। वो हमेशा बिलासपुर को अपना परिवार मानती थी। दशकों से राष्ट्र की सेवा की। अपनी राजनीतिक उपलब्धियों से परे, वीणा वर्मा एक सफल पत्नी, मां और दादी थीं। आज भी वो बिलासपुर को याद करती थीं। बिलासपुर के विकास में उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता।
तस्वीरों में देखिए वीणा वर्मा की यादें