अगर आपका बच्चा छोटी-छोटी बातों पर झूठ बोलने लगा है, तो इसे हल्के में लेने की गलती न करें। शुरुआत में यह आपको एक मासूम शरारत लग सकती है, लेकिन लंबे समय में यह उसके आत्मविश्वास, रिश्तों और पर्सनैलिटी पर गहरा असर डाल सकती है।
झूठ बोलने की आदत सुधारने के लिए पहले यह समझना ज़रूरी है कि बच्चा ऐसा क्यों कर रहा है। डांट-फटकार या सज़ा से ज्यादा असर बातचीत, भरोसा और सकारात्मक माहौल से आता है।
बच्चे को झूठ छोड़ने के लिए 6 असरदार तरीके
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भरोसे का रिश्ता बनाएं
बच्चे अक्सर डांट या सज़ा के डर से सच छुपाते हैं। माहौल ऐसा बनाएं कि वह खुलकर अपनी बात कह सके और सच बोलने पर उसे सुरक्षा महसूस हो। -
खुद उदाहरण बनें
बच्चे वही करते हैं जो वे अपने माता-पिता को करते देखते हैं। अगर घर में बड़ों से सच सुनेंगे, तो वे भी ईमानदारी अपनाएंगे। -
सच पर इनाम दें
बच्चा अगर गलती के बाद सच स्वीकार करता है, तो उसकी तारीफ करें। छोटा-सा रिवॉर्ड भी उसे आगे से सच बोलने के लिए प्रेरित करेगा। -
गलती सुधारने का मौका दें
हर गलती पर तुरंत सज़ा देने के बजाय, बच्चे को उसे ठीक करने का मौका दें। इससे जिम्मेदारी की भावना विकसित होगी। -
खुलकर बातचीत करें
रोज़ाना बच्चे से स्कूल, दोस्तों और उसके अनुभवों के बारे में बात करें। जब बच्चा अपनी बातें शेयर करेगा, तो झूठ बोलने की ज़रूरत कम होगी। -
कारण समझें
झूठ बोलने के पीछे डर, कम आत्मविश्वास या दूसरों को इंप्रेस करने की चाह हो सकती है। कारण पहचानकर उसी पर काम करें।