आज की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल में कई लोग रात को सिर्फ 4-5 घंटे ही सो पाते हैं। कुछ इसे अपनी प्रोडक्टिविटी ट्रिक मानते हैं, तो कुछ के लिए यह मजबूरी होती है। लेकिन सच यही है कि नींद की कमी आपके शरीर और दिमाग पर धीरे-धीरे गहरा असर डालती है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, एक वयस्क को रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। अगर यह आदत लंबे समय तक टूटती है, तो इसके 5 बड़े साइड इफेक्ट्स सामने आ सकते हैं।
1. दिमाग पर असर – थकान और मेमोरी लॉस
कम नींद लेने से दिमाग को पूरा रेस्ट नहीं मिलता। इससे ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल होती है और याददाश्त कमजोर होने लगती है। लगातार नींद की कमी अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ा सकती है।
2. हार्ट हेल्थ पर खतरा
4-5 घंटे ही सोने वाले लोगों में ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक का रिस्क ज्यादा पाया जाता है। नींद पूरी न होने से धड़कनें अनियमित हो सकती हैं और कोलेस्ट्रॉल लेवल भी असंतुलित हो जाता है।
3. इम्यून सिस्टम कमजोर
नींद की कमी से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है। ऐसे लोग वायरस और बैक्टीरिया के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो जाते हैं। नतीजा – बार-बार सर्दी-जुकाम और अन्य संक्रमण।
4. वजन बढ़ने की समस्या
कम नींद लेने वालों के हॉर्मोनल बैलेंस पर असर पड़ता है, खासकर घ्रेलिन और लेप्टिन हॉर्मोन पर। ये हॉर्मोन भूख और तृप्ति को नियंत्रित करते हैं। यही वजह है कि नींद कम लेने से ज्यादा भूख लगती है और मोटापा तेजी से बढ़ सकता है।
5. मानसिक तनाव और मूड स्विंग
नींद की कमी मानसिक सेहत पर भी बुरा असर डालती है। लगातार कम सोने वाले लोग चिड़चिड़ापन, चिंता, डिप्रेशन और मूड स्विंग्स जैसी समस्याओं से जूझ सकते हैं। इससे रिश्तों और कामकाज दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
यानी, अगर आप सोचते हैं कि कम सोकर आप ज्यादा काम कर लेंगे तो सावधान! नींद काटना धीरे-धीरे आपकी सेहत को भारी नुकसान पहुंचा सकता है।