सर्दियों का मौसम आते ही खांसी, जुकाम, गले में खराश और बंद नाक जैसी परेशानियां आम हो जाती हैं। ठंडी हवा और तापमान में बदलाव के साथ ही इम्यूनिटी कमजोर पड़ती है और वायरस-बैक्टीरिया शरीर पर आसानी से हमला कर देते हैं। ऐसे में अगर किसी एक घरेलू चीज को सबसे ज्यादा असरदार माना जाता है, तो वह है लहसुन। सदियों से आयुर्वेद में इस्तेमाल होता आ रहा लहसुन सर्दियों में शरीर के लिए किसी नेचुरल शील्ड से कम नहीं है।
लहसुन में मौजूद एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सर्दी-खांसी के खिलाफ सीधे मोर्चा लेते हैं। इसमें पाया जाने वाला एलिसिन तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है और फेफड़ों में जमा बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है। यही वजह है कि लहसुन को अक्सर “नेचुरल एंटीबायोटिक” कहा जाता है। अगर सर्दियों में इसका सही तरीके से सेवन किया जाए, तो खांसी-जुकाम की समस्या काफी हद तक जड़ से खत्म हो सकती है।
सबसे आसान और असरदार तरीका है सुबह खाली पेट कच्चे लहसुन का सेवन। रोजाना 1-2 कली कच्चा लहसुन चबाने से शरीर अंदर से गर्म रहता है और ठंड के असर को कम करने में मदद मिलती है। अगर कच्चा लहसुन खाना मुश्किल लगता है, तो इसे शहद के साथ लिया जा सकता है, जिससे इसका तीखापन भी कम हो जाता है और असर भी बना रहता है।
लहसुन और शहद का मिश्रण गले की खराश और सूखी खांसी के लिए रामबाण माना जाता है। दो कली लहसुन को कूटकर उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर दिन में एक बार लेने से गले को राहत मिलती है और खांसी की तीव्रता कम होती है। यह उपाय बच्चों और बुजुर्गों के लिए भी अपेक्षाकृत हल्का माना जाता है।
रात में सोने से पहले लहसुन वाला दूध पीना भी सर्दियों में काफी फायदेमंद होता है। गर्म दूध में 2-3 कली लहसुन उबालकर पीने से जुकाम, कफ और छाती की जकड़न में राहत मिलती है। यह शरीर को अंदर से गर्म रखता है और नींद की गुणवत्ता भी बेहतर करता है।
अगर नाक पूरी तरह बंद हो गई हो या छाती में कफ जमा हो, तो लहसुन की भाप लेना कारगर उपाय है। पानी में लहसुन की कुछ कलियां उबालकर उसकी भाप लेने से नाक खुलती है और सांस लेने में आसानी होती है। यह उपाय सर्दी-जुकाम में तुरंत राहत देने वाला माना जाता है।
इसके अलावा लहसुन से बना तेल भी सर्दियों में बहुत काम आता है। सरसों के तेल में लहसुन को हल्का गर्म करके उससे छाती और गले की मालिश करने से ठंड, खांसी और जकड़न में आराम मिलता है। खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह तरीका काफी सुरक्षित और असरदार माना जाता है।
हालांकि लहसुन की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। पेट की समस्या, एसिडिटी या अल्सर से परेशान लोगों को लहसुन का सेवन सावधानी से करना चाहिए। बच्चों को कच्चा लहसुन देने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना बेहतर रहता है।
कुल मिलाकर, सर्दियों में अगर लहसुन को सही तरीके से डाइट और घरेलू नुस्खों में शामिल किया जाए, तो यह खांसी-सर्दी के खिलाफ एक मजबूत और प्राकृतिक हथियार बन सकता है।